Wednesday, December 2, 2020
Tuesday, December 1, 2020
मन पर नियंत्रण Control over Mind
मन पर नियंत्रण
आपने यह अक्सर सुना होगा कि आज मेरा मन नहीं है। ऐसे वाक्य दिन में हम जाने कितनी बार बोलते होंगे और इनके चलते न जाने दिन भर कितना समय खराब कर देते हैं। भले ही मन हमारा होता है लेकिन वोह कभी भी हमारा हितैषी नहीं होता। हमारे साथ आँख मिचौली खेलता रहता है। आप कोई काम करना चाह रहे हैं और वोह काम आपके लिए जरुरी भी बहुत है, आप पायेंगे कि आपका मन कभी भी आपके साथ खड़ा नहीं होता। हां, गलत कार्यों, मनोरंजन और फालतू के कार्यों के लिए आपके साथ भी क्या, आप से भी दो कदम आगे चलेगा।
जहां पर बात किसी उद्देश्य की आयेगी, शारीरिक श्रम की आयेगी, मानसिक परेशानी आयेगी, आपका मन उसके विरोध में खड़ा हो जायेगा। क्या यह सत्य नहीं है? हमारा मन ऐसे-ऐसे तर्क ढूंढ लेगा कि हम यहां नहीं मिलेंगे, सचमुच वोह कार्य अभी नहीं किया जाना चाहिए। दुर्भाग्यवश हम यह निर्णय यह जानते हुए भी ले लेते हैं कि इस काम को आगे चल कर करना ही पड़ेगा। इसी के चलते हम जाने कितने ही अवसर गंवा देते हैं!
क्या हम अपने मन पर नियंत्रण नहीं रख सकते? क्या इस तरह की मनमानी करता रहेगा? जब भी आपका मन किसी कार्य को कल के लिए टाल दे, उसी समय अपने आदेश के विरोध में खड़े हो जायें। मन से आदेश लेने की बजाय मन को यह आदेश दें कि यह काम अभी होना है। मन बहुत शक्तिशाली है उन लोगों के लिए जो बहुत कमजोर हैं। लेकिन मन कमजोर है, उन लोगों के लिए जो बहुत शक्तिशाली है। इस पर विचार मंथन जरुर करें।