Saturday, October 31, 2020

रिश्ते कैसे होने चाहिए? How should you maintain relations



अपने वोह नहीं होते, जो रोने पर आते हैं, अपने वोह होते हैं जो रोने नहीं देते। जो दूसरों को इज्ज़त देता है, असल में वोह खुद इज्ज़तदार होता है, क्योंकि इन्सान दूसरों को वही देता है जो उसके पास होता है। जिन रिश्तों में हर बात का मतलब समझाना पड़े और सफाई देनी पड़े, वोह रिश्ते, रिश्ते नहीं बल्कि बोझ होते हैं। मेहनत लगती है, सपनों को सच बनाने में, हौसला बनाए रखना होता है, बुलन्दियों को पाने में, बरसों लगते हैं जिन्दगी बनाने में, और जिन्दगी फिर भी कम पड़ती है रिश्तों को निभाने में। किसी को रुलाकर, आज तक कोई कभी न हंस पाया है, यही विधि का विधान है जिसे आज तक कोई न समझ पाया।

अजीब खेल है उस विधाता का, लिखता भी वही है, मिटाता भी वही है, भटकाता है, तो राह दिखाता भी वही है। उलझाता भी वही है और सुलझाता भी वही है। जिन्दगी की मुश्किल घड़ी में दिखता नहीं, मगर साथ देता भी वही है। मंजिलें उन्हीं को मिलती हैं, जिनके सपनों में जान होती है। सिर्फ पंखों से कुछ नहीं होता, दोस्तो, होसलों से उड़ान होती है।

जब आप भगवान से शक्ति मांगते हैं, तो वो आपको कठिनाईयों में डाल देता है ताकि आपकी हिम्मत बढ़े और, आप शक्तिशाली बनें। विश्वास वह शक्ति है जिससे उजड़ी दुनिया में भी प्रकाश लाया जा सकता है। मोमबत्ती के अन्दर पिरोया गया धागा मोमबत्ती से पूछता है जब मैं जलता हूँ तो तूं रोती क्यों है? मोमबत्ती ने जबाब दिया कि जब किसी को दिल के अन्दर जगह दे दी जाये और वोह छोड़कर चला जाये,  रोना तो आयेगा ही!

बनना है तो मेंहदी के पत्तों जैसा बनिए, 

जो सूख कर भी रंग देते हैं।  

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